लखनऊ, आजकल की इस भाग दौड़ की जिंदगी में महिलाओं में पीसीओडी की परेशानी बढ़ रही है, जो खराब लाइफस्टाइल, बिगड़ा खानपान, मेंटल स्ट्रेस, धूम्रपान और शराब ज्यादा पीने से जुड़ी है। इसके अलावा, यह बीमारी जेनेटिक की वजह से भी हो सकती है। पीसीओडी की वजह से महिलाओं में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
इस विषय पर जयश्री क्लिनिक पत्रकरपुरम लखनऊ से पोषक एवं आहार विशेषज्ञ डॉ हरि मोहन राय ने पीसीओडी पर महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। डॉ हरि मोहन राय ने बताया कि पीसीओडी एक हार्मोनल डिसऑर्डर है जिसमें महिलाओं के ओवरी (अंडाशय) में कई छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं। इसके कारण ओवरी का आकार बढ़ जाता है और हार्मोनल इंबैलेंस हो जाता है। यह स्थिति आज की लाइफस्टाइल में बहुत आम है, ख़ासकर 15-40 वर्ष की महिलाओं में। हर महिला का पीसीओडी अलग होता है- कुछ में वजन ज़्यादा, कुछ में सिर्फ़ हार्मोनल असंतुलन या त्वचा संबंधी लक्षण।
पीसीओडी के लक्षण में
अनियमित माहवारी , कभी 15 दिन में, तो कभी 2-3 महीने तक पीरियड नहीं आते, चेहरे या शरीर पर अत्यधिक बाल या पेट पर मोटे बाल आने लगते हैं, वजन बढ़ना , खासकर पेट और कमर के आस-पास चर्बी बढ़ना, मुंहासे और तैलीय त्वचा , बाल झड़ना या बालों का पतला होना इनफर्टिलिटी प्रॉब्लम ओव्यूलेशन (अंडा बनना) न होने से गर्भधारण में कठिनाई, मूड स्विंग, थकान, और नींद की गड़बड़ी हो सकते है।दो हरिमोहन राय ने बताया कि किन कारणों सेपीसीओडी हो सकता है
हार्मोनल असंतुलन , इंसुलिन और एंड्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है।, इंसुलिन रेजिस्टेंस , शरीर में शुगर कंट्रोल करने वाला हामर्मोन इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता, असंतुलित आहार, जंक फूड, चीनी, हाई-कैलोरी डाइट, प्रोसेस्ड फूड्स, शारीरिक निष्क्रियता , तनाव और नींद की कमी , अनुवांशिक कारण (
इलाज और प्रबंधन
पीसीओडी का कोई एक दवा से इलाज नहीं होता, इसे जीवनशैली और पोषण से कंट्रोल किया जा सकता है।"
इसके साथ ही
संतुलित आहार , ओट्स, सब्ज़ियाँ,से फल, दालें, टोफू, अंडा, मछली, ओमेगा 3 फैटी एसिड aफ्लैक्ससीड, अखरोट, फिश ऑयल, कॉम्प्लेक्स ब्राउन राइस, मिलेट्स, क्विनोआ
को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
इसके साथ ही
चीनी, मिठाइयाँ, कोल्ड ड्रिंक, जंक फूड, प्रोसेस्ड सैक्स, रिफाइंड आटा और सफेद चावल
जैसी चीजों से परहेज करें।
सप्लीमेंट्स (Supplements): Myoinositol + D-chiro inositol - हार्मोन और इंसुलिन बैलेंस के लिए, Omega-3 fatty acids - सूजन कम करने और हार्मोन संतुलन के लिए, Vitamin D3 - फर्टिलिटी और इंसुलिन सेंसिटिविटी में मदद करता है, Zinc, Selenium & Magnesium स्किन, हेयर और मेटाबोलिज्म के लिए, Muttivitamin with Chromium शुगर कंट्रोल के लिए ।
हर पीसीओडी के लक्षण और इलाज अलग-अलग होते हैं इसलिए डॉक्टर से परामर्श जरूर ले।


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