पुजारी ने कर दिया मंदिर का सौदा, मंदिर को बचाने के लिए स्थानीय निवासियों ने लगाई पुलिस प्रशासन और न्यायालय गुहार
जहां साधु संत भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करवाने के संघर्ष में लगे हुए हैं वहीं कुछ पुजारी ऐसे भी हैं जो मंदिरों को बेचकर उससे लाभ कमा रहे हैं। मामला सदरपुर करोरा बाजार मध्यपुर गोसाईगंज जनपद लखनऊ में स्थित सैकड़ों साल पुराना ठाकुरद्वारा / मंदिर का है। जिसकी पुजारी दीपक गुप्ता को पूजा अर्चना के लिए वहां रहने दिया गया, उसने अपनी सम्पत्ति बनाकर उसे केवल शराब की लत में चोरी से बेच दिया और खरीदने वाले पहले उसे नहीं पता हो लेकिन उसके एग्रीमेंट का पता लगने पर उसे सब चीजों से अवगत कराया गया तथा उसे भवन पर मंदिर सीताराम वैश्य लिखा दिखाया गया जो मंदिर बनने के समय के साथ अंकित है तथा बेचने वाले व्यक्ति को प्राप्त वसीयत की स्पष्टीकरण उसे दी गई जिसमें लिखा है कि उसे केवल ठाकुरद्वारा की देखरेख में रहने दिया गया है जिस पर खरीदने वाले निगोहां निवासी श्री योगेश बाजपेई जी ने बाजार के लोगों से इससे दूर हटने का वायदा किया लेकिन फिर भी रजिस्ट्री कराके बाहुबल से कब्जा करने की कोशिश की । चेयरमैन निखिल मिश्रा के दबाव के बाद योगेश बाजपेई के द्वारा कहा गया कि बाजार के लोगों के साथ बैठकर बात करके हल निकालने की बात कही लेकिन अब योगेश बाजपेई द्वारा इसे किसी अन्य बाहुबली को एग्रीमेंट करने की बात सामने आ रही है। सभी क्षेत्रवासियों से तथा मीडिया बन्धुओं से अनुरोध है कि इस अनाचार को रोकने हेतु संगठित हों।
भगवान कृष्ण के साथ राधा जी और लक्ष्मी स्वरूपा रुक्मणी जी के मंदिर को बचाने के लिए क्षेत्रवासियों ने सभी का आवाहन किया है और जिसकी सूचना मालूम होने पर बाजार के लोगों द्वारा हस्ताक्षरित सूचना पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ अंतृगत श्रीमान मंडलायुक्त लखनऊ, श्रीमान पुलिस आयुक्त लखनऊ , श्रीमान पुलिस उपायुक्त लखनऊ , श्रीमान अपर पुलिस उपायुक्त कल्ली पश्चिम लखनऊ एवं श्रीमान थानाध्यक्ष गोसाईगंज सहित श्रीमान सब डिविजनल मजिस्ट्रेट तथा श्रीमान तहसीलदार मोहनलालगंज लखनऊ को पोस्ट से भेजने के साथ रजिस्ट्री खारिज करने हेतु माननीय न्यायालय पर क्षेत्रवासी गये हैं।
क्षेत्रवासियों ने सभी से निवेदन किया है कि कृपया मंदिर को बचायें। भगवान ने इसके लिए आप सभी को माध्यम बनने का अवसर दिया है। क्षेत्रवासियों में अशोक कुमार गुप्ता, दिनेश कुमार गुप्ता, रामबाबू गुप्ता, प्रेमचन्द गुप्ता, राममूर्ति गुप्ता, श्याममूर्ती गुप्ता, कृष्ण मूर्ति गुप्ता, कृष्णा गुप्ता, गोपाल गुप्ता, महेशचंद्र गुप्ता, विकास गुप्ता, सोंदू गुप्ता आदि लोगों ने हस्ताक्षरित विरोध किया है।


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