भारतीय क्षत्रिय समाज एवं लोक अधिकार मंच सिविल सोसाइटी के तत्वावधान में विजयदशमी पर्व एवं शस्त्र पूजन का आयोजन सिटी मांटेसरी स्कूल, विशाल खंड में किया गया। इस अवसर पर हज़ारों क्षत्रिय समाज के बंधुओं एवं क्षत्राणियों ने भाग लिया और विधिवत पूजा-अर्चना के साथ शस्त्रों की पूजा की। यह आयोजन न केवल एक धार्मिक पर्व का उत्सव था, बल्कि समाज की एकता और शक्ति का भी प्रतीक था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व उप-मुख्यमंत्री प्रोफेसर दिनेश शर्मा जी ने अपने सारगर्भित संबोधन से उपस्थित लोगों को बहुत प्रभावित किया। उन्होंने क्षत्रिय समाज की गरिमा और परंपराओं को बनाए रखने का आह्वान किया और समाज के विकास के लिए अपने सुझाव दिए।
इस अवसर पर डॉ. राजेश्वर सिंह, विधायक सरोजिनी नगर को भारतीय क्षत्रिय समाज का संरक्षक बनाया गया। सभी ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए समाज को नई दिशा देने के लिए आशा व्यक्त की। डॉ. सिंह ने समाज के लिए अपने योगदान और प्रतिबादिता के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया।
कार्यक्रम में श्री पवन सिंह चौहान एमएलसी, श्री अंगद सिंह एमएलसी, श्री प्रदीप सिंह बब्बू अध्यक्ष अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष और समाज के तमाम महान विभूतियों ने शिरकत की। सभी ने अपने विचार व्यक्त किए और समाज को एकजुट करने का आह्वान किया। इस कार्यक्रम में श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह को उनके सामाजिक राजनीतिक शैक्षणिक साहित्यिक आध्यात्मिक एवं समाज के लिए हमेशा समर्पित भाव से काम करने के लिए सभी ने खुले दिल से सराहना किया । श्री विपिन सिंह जो भारतीय क्षत्रिय समाज के महामंत्री है ने भव्य सहभोज का आयोजन किया जिसे सभी ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया, जो समाज की एकता और भाईचारे का प्रतीक था। यह आयोजन न केवल एक धार्मिक पर्व का उत्सव था, बल्कि समाज के लोगों के लिए एक दूसरे से जुड़ने और अपनी संस्कृति को जीवंत रखने का अवसर भी था।
विजयदशमी पर्व एवं शस्त्र पूजन का यह आयोजन भारतीय क्षत्रिय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था, जिसमें समाज की एकता और शक्ति का प्रदर्शन हुआ। यह आयोजन हमें हमारी संस्कृति और परंपराओं को सहेजने और आगे बढ़ाने की प्रेरणा देता है। विजयदशमी का पर्व हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। आइए, हम इस पर्व के अवसर पर समाज में एकता और सौहार्द को बढ़ावा दें।
भारतीय क्षत्रिय समाज का यह आयोजन समाज की एकता और शक्ति का प्रतीक है। आइए, हम सभी मिलकर समाज के विकास के लिए काम करें।"
शस्त्र पूजन का यह आयोजन हमें हमारी संस्कृति और परंपराओं को सहेजने की प्रेरणा देता है। आइए, हम अपनी विरासत को जीवंत रखें।



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