बिठूर मंगलवार “ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति” की सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल की अगुआई में मंगलवार 19 अगस्त को बिठूर गंगा घाट किनारे स्थित महाकालेश्वर मंदिर परिसर में सैकड़ों मातृशक्तियों द्वारा सामूहिक सुंदरकांड का पाठ किया गया। वहां का नजारा देखते ही बना। पूरा परिसर “हर हर महादेव”, “जय श्री राम” और “ओम हनुमते नम:” के जयघोषों से गूंज उठा। इस अवसर पर सपना गोयल ने कहा कि सुंदरकांड के नियमित पाठ से पुण्य की राशि हनुमान महाराज की ही नहीं सुख की राशि भगवान राम की भी कृपा भक्तों पर होती है। इससे भक्त का सम्पूर्ण जीवन ही सुंदर बन जाता है। वक्त की भी मांग है कि हम प्रभु राम की तरह स्वर्णमयी लंका का मोह त्याग कर जननी-जन्मभूमि को स्वर्ग से अधिक महत्व दें।
सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल ने बताया कि प्राचीन ग्रंथों में ब्रह्मावर्त के नाम से जाना जाने वाला बिठूर वह स्थान है जहां भगवान विष्णु द्वारा ब्रह्मांड की स्थापना के बाद भगवान ब्रह्मा ने निवास किया था। उत्तरीसितारा कहे जाने वाले महान बालक ध्रुव ने बिठूर की पावन धरा पर ही ध्यान किया था। बिठूर में ही महर्षि वाल्मीकि ने कालजयी महाकाव्य रामायण की रचना की थी। यहीं पर भगवान राम के पुत्र लव और कुश का जन्म हुआ। ऐसी पावन धरा में सुंदरकांड महायज्ञ अनुष्ठान करने का एकमात्र उद्देश्य, संतों और देवों की भूमि भारतवर्ष को विश्व में दोबारा विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित करना और हिन्दुस्तान विरोधी असुरीय शक्तियों के दमन हेतु प्रार्थना करना है। “सुंदरकांड महा अभियान, भारत वर्ष की बने पहचान” के तहत जिलों से लेकर दिलों तक को जोड़ा जा रहा है। यह अभियान देश ही नहीं विदेशों तक में संचालित किया जा रहा है।सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल के अनुसार सुंदरकांड के नियमित पाठ से केवल सनातनियों का ही नहीं बल्कि हर समाज के अनुयायियों का कल्याण सम्भव है। सुंदरकांड के पाठ में सुंदर विश्व की कामना का भाव निहित है। अयोध्याजी जन्मभूमि परिसर में मातृशक्तियों द्वारा सामूहिक “मासिक सुंदरकाण्ड पाठ” का सिलसिला 11 सितम्बर 2024 से शुरू हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से लखनऊ की “ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति” की सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल को इसका दायित्व सौंपा गया है।
सपना गोयल द्वारा बिना किसी सरकारी या निजी सहयोग के, बीते साल 10 मार्च 2024 को महिला दिवस के उपलक्ष्य में पांच हजार से अधिक मातृशक्तियों द्वारा लखनऊ के झूलेलाल घाट पर सामूहिक सुंदरकांड का भव्य अनुष्ठान सम्पन्न करवाया गया था। सामूहिक सुंदरकांड का अभियान राष्ट्रीय स्तर पर वृहद रूप में निरंतर संचालित किया जा रहा है। इस क्रम में स्थानीय अनगिनत मंदिरों के साथ ही नैमिषारण्य तीर्थ, उत्तराखंड कोटद्वार के प्रतिष्ठित प्राचीन मंदिर-सिद्धबली परिसर, काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर, मथुरा के भगवान कृष्ण जन्मस्थली मंदिर परिसर और प्रयागराज के लेटे हुए हनुमान मंदिर परिसर में भी सामूहिक सुंदरकांड पाठ का अनुष्ठान, सफलतापूर्वक आयोजित करवाया जा चुका है।
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