आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए यूरोलॉजी लेजर विधि द्वारा किडनी स्टोन ऑपरेशन अब संभव
लेजर तकनीक के माध्यम से इलाज एक आधुनिक और प्रभावी तरीका है जिसमें लेजर बीम का उपयोग विभिन्न रोगों के इलाज में किया जाता है। इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ के कुर्सी रोड स्थित एम एस हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में लेजर तकनीक के माध्यम से अब मरीजों का इलाज और भी बेहतर तरीके से किया जाएगा जिनमें प्रमुख रूप से किडनी स्टोन और अन्य बीमारियों का भी इलाज किया जाएगा इस मौके पर एम एस हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के एमडी डॉक्टर एस पी चौधरी ने बताया कि लेजर तकनीक के माध्यम से वह मरीज को कम समय में और बेहतर इलाज करना चाहते हैं जैसा कि उनका उद्देश्य है विकसित भारत अपना के अंतर्गत व मरीजों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से कम से कम समय में स्वस्थ करना चाहते हैं उन्होंने बताया कि उनका हॉस्पिटल ग्रामीण क्षेत्रों में आता है यहां लोगों को बीमारियों के इलाज की आधुनिक तकनीक के प्रति जागरूकता कम है इसलिए वो चाहते हैं कि वो उन लोगों को भी आज के दौर की सबसे अच्छी सुविधा प्रदान कर सके और आयुष्मान कार्ड के जरिए लेजर तकनीक की सर्जरी बिना किसी परेशानी के की जाती है।
डॉ ज़ैद अहमद खान कंसलटेंट यूरोसर्जन ने बताया कि आज हमारे हॉस्पिटल में प्रीमियम होल्मियम 35 वोट का लेजर इंस्टॉल हुआ है, इसके माध्यम से पायलॉपलास्टी ERCP द्वारा CBD STORVE में होने वाली पथरी आदि का ऑपरेशन लेजर द्वारा किया जाएगा । लेजर सर्जरी के लिए इनके हॉस्पिटल में यूरोलॉजी की योग्य एवं अनुभवी डॉक्टरों की टीम भी मौजूद है । इस माध्यम से हम लोग अब किडनी स्टोन को बिना किसी चीरे के जैसे पहले पीसीएनएल कर देते उसमें एक छोटा सा पीठ पे छेद किया जाता हैं और सर्जरी की जाती थी लेकिन इस लेजर से पेशाब के रास्ते लेजर डाल स्टोन को अंदर छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़ दिया जाता है जिससे कि पे आसानी से निकल सके ।
डॉ विक्रम सिंह कंसलटेंट यूरोसर्जन ने बताया कि लेजर की तकनीक का हम और भी चीजों में इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे की लेजर से जो पेशाब की नली दब जाती है उसे मरीजों में उसे ओपन किया जा सकता है और दूसरा जैसे लेजर का इस्तेमाल कर प्रोस्टेट की सर्जरी को जल्दी और आसानी से कर सकते है ।
डॉ ब्रज भूषण वर्मा ने बताया कि आज एम एस हॉस्पिटल् में होल्मियम लेजर मशीन लगाई गई है जिसके द्वारा मरीज की सर्जरी आसानी के करी जा सकती है जिससे कि मरीज को कोई ब्लडलॉस न हो, और सर्जरी में ज्यादा समय भी न लगे । इस अवसर पर डॉ एस पी चौधरी एम डी एम एस हॉस्पिटल, डॉ कामिनी पाठक डायरेक्टर, डॉ ब्रज भूषण वर्मा एडमिन, ए के विश्वकर्मा, डॉ ज़ैद अहमद खान कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट, डॉ विक्रम सिंह यूरोलॉजी, विवेक उपाध्याय आदि उपस्थित रहे ।
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