मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बुधवार को कोरोनावायरस के संक्रमण का जो दूसरा मामला सामने आया उससे प्रशासन, सरकार, राजनेता और पत्रकारों के होश उड़े हुए हैं। वजह है जिस पत्रकार को कोरोना पाजिटव पाया गया, उनकी बेटी को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बावजूद वे विधानसभा की प्रेस दीर्घा से लेकर सेट्रल हाल में पत्रकार, अधिकारी, नेता, मंत्री और विधायक सबसे मिलते रहे थे। वे बतौर मुख्यमंत्री कमलनाथ की आखिरी प्रेस कांफ्रेंस में भी थे, जिसमें कमलनाथ ने इस्तीफे का ऐलान किया था।
खास बाात यह है की तकरीबन 200 पत्रकार, इतने ही नेता अफसर इस पत्रकार की लापरवाही से पैदा हुए खौफ से हलाकान हैं। जिला प्रशासन भी दो तरह की बात कहकर खौफ को बढ़ा रहा है। सेल्फ आइसोलेशन की सलाह दी जा रही है, जबकि पत्रकार के संपर्क में आए सभी लोग जनता कर्फ्यू और तब से अब तक अपने अपने परिवार के संपर्क में ही बने रहे हैं।
बीते रविवार को प्रोफेसर कॉलोनी में पॉजिटिव मिली लड़की के पिता में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। लड़की के पिता। अपने खुद के अखबार के प्रधान संपादक हैं। उनके भाई प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ताओ के पैनल में है और वे टीवी चैनलों पर डिबेट में शामिल होते हैं। पत्रकार की बेटी लंदन से से लौटी थी। कुछ दिन बाद बीमार हुई तो जिला अस्पताल भोपाल में टेस्ट कोरोना पाजिटव पाया गया। उसे होम कोरोन्टाइन और परिवार को आइसोलेशन में रखा गया। लेकिन पत्रकार ने इसकी खबर छपने पर अखबारों और पत्रकारो को एफ आई आर कराने की धमकी दी।
यही नहीं वे खुद आइसोलेशन के बजाय सब जगस घूमते भी रहे। वे 20 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे। इसमें कमलनाथ ने इस्तीफे का ऐलान किया था। पत्रकार में संक्रमण सामने आने पर कमलनाथ ने भी खुद को आइसोलेट कर लिया है। सीएम हाउस में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिग्विजय सिंह, कांग्रेस के सभी विधायक और प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों समेत करीब 200 पत्रकार मौजूद थे।
मध्य प्रदेश के 6 जिलों में संक्रमण पहुंच चुका है। अब तक जबलपुर में 6, इंदौर में 4, भोपाल में 2, उज्जैन, ग्वालियर और शिवपुरी में एक-एक पॉजिटिव केस मिल चुका है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या 15 हो गई है। उज्जैन की संक्रमित 65 वर्षीय महिला की बुधवार को मौत हो चुकी है। यह मप्र में कोविद -19 संक्रमण से हुई पहली मौत है।
17 मार्च को लंदन से लौटी थी पत्रकार की बेटी
बता देें कि पत्रकार की 26 वर्षीय बेटी 17 मार्च को लंदन से दिल्ली पहुंची थी। आईजीआई एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के बाद डॉक्टर्स ने उसे फिट घोषित किया। इससे बाद वह शताब्दी एक्सप्रेस में सवार होकर भोपाल आई। फिर परिजन ने कलेक्टर तरुण पिथौड़े से संपर्क कर उसकी कोरोना जांच की मांग की। इस पर जेपी अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम ने घर पहुंचकर लड़की के थ्रोट के सुआब का नमूना लिया, इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। पत्रकार का परिवार भोपाल के जाने-माने परिवारो में शुमार है। पत्रकार के पिता भोपाल के आखिरी नवाब के प्रशासन में अधिकारी रहे थे।
कमलकांत कमलनाथ से भी मिले और शिवराज से भी !
कमलनाथ की बतौर सीएम आखिरी पीसी में सबसे मिले पत्रकार के बारे में कहा जा रहा है कि वे कमलनाथ सरकार जाने के बाद बनी शिवराज सरकार के भी कई प्रभावशाली लोगों बधाई और शुभकामनाएं देने उनसे मिले थे। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने खुद को आइसोलेट करने की जानकारी देते हुए पूरे विधानसभा को भी ऐसा ही करने को कहा है।
उन्होंने आदेश में इस संक्रमित पाए गए पत्रकार की विधानसभा भवन और परिसर में रही उपस्थिति का हवाला दिया है। कहा यह भी जा रहा है कि पूर्व सीएम कमलनाथ अब भले आइसोलेशन में हो लेकिन वे वर्तमान सीएम शिवराज से शपथ के बाद एक से ज्यादा बार मिले और अन्य नेताओं अफसरो से भी। उनकी प्रेस कांफ्रेंस में रहे सैकड़ो लोग हजारों लोगों के संपर्क में आ चुके हैं।
तो क्या प्रदेश में सत्ता के तख्ता पलट की जल्दबाजी की वजह से और इस संधिकाल में हुई भारी लापरवाही ने प्रदेश में पत्रकारों, नेताओं, अफसरों से लेकर उनके संपर्क में आए सभी लोगों को बारी खतरे की आशंका में नहीं डाल दिया है?
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